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लेखनी कहानी -11-Sep-2022 सौतेला

भाग 20 
राजेश ने एक ऐसी जगह तलाश ली थी जहां वह और सुमन दोनों आसानी से बेरोकटोक मिल सकते थे । उसने एक आइसक्रीम पार्लर में मिलने का प्लान बना लिया । सुमन रोज कॉलेज से आइसक्रीम पार्लर आ जाती । राजेश वहां एक केबिन में पहले से ही बैठा रहता था । इस तरह उनकी रोज मुलाकातें होने लगीं । 

राजेश सुमन के लिए रोज गुलाब का एक फूल लेकर आता । राजेश जब सुमन को गुलाब का फूल देने लगता तो सुमन कहती "खुद ही लगा दो ना" और राजेश उस गुलाब के फूल को सुमन के बालों में सजा देता था । वह गुलाब का फूल सुमन के बालों का साथ पाकर और भी अधिक खिल उठता था । फिर राजेश सुमन के ललाट पर एक किस करता और कहता "मेरे चांद को किसी की नजर ना लग जाये इसलिए मैंने ये चुंबन तुम्हारे माथे पर रख दिया है । यह चुंबन हर बुरी नजर से तुम्हें बचा लेगा " उसकी आंखों में शरारत तैरती रहती थी । 
"धत्त । बदमाश कहीं के ! आपको तो बदन छूने का कोई न कोई बहाना चाहिए बस" और सुमन राजेश के कंधे पर अपना सिर टिका देती । 

दो प्रेमी मिलकर काफी देर तक इसी तरह से गुटर गूं करते रहते थे । राजेश सुमन की पसंद की आइसक्रीम खिलाता था । राजेश के हाथों से आइसक्रीम खाने का आनंद कुछ अलग ही आता था सुमन को । 

सुमन की आंखों में राजेश के ही सपने थे । उसके लबों पर राजेश के ही तराने थे और उसके दिल पर राजेश का ही नाम अंकित हो गया था । वह रात दिन राजेश में ही खोई रहती थी । शिवम उसे आवाज देता ही रह जाता और वह सुन ही नहीं पाती थी । तब नई मां कहती "तेरा ध्यान कहां है सुमन ? शिवम कबसे आवाज दे रहा है" ? 
तब सुमन की तंद्रा भंग होती और वह दौड़कर शिवम को गोदी में उठा लेती । एक दिन वह नेहा को दूध पिला रही थी । उसने दूध की बोतल नेहा के मुंह में लगा दी और वह राजेश के खयालों में खो गई । खयालों में उसने देखा कि वह और राजेश कहीं घूमने गये हैं । चूंकि जगह अनजानी सी थी , कोई जान पहचान वाला वहां नहीं था इसलिए राजेश उसे बीच बाजार में छेड़ रहा था और वह राजेश को "हट बदमाश" कहकर बरज रही थी । दूध पिलाते पिलाते बोतल कब नेहा के मुंह से निकल गई, उसे पता ही नहीं लगा । नेहा रोए जा रही थी और सुमन राजेश को "हट बदमाश" कहकर दुत्कार रही थी । 

दौलत की पत्नी दिव्या ने नेहा को रोते हुए देखा तो उसका ध्यान उधर गया । उसने देखा कि नेहा रोए जा रही है । सुमन के हाथ में दूध की बोतल है जिसमें से दूध गिर रहा है जो नेहा के कपड़े भिगो रहा है । सुमन मन ही मन मुस्कुरा रही है और बार बार "हट बदमाश" बोल रही है । दिव्या समझ गई कि उसकी ननद अब इस घर से बिदाई की तैयारी कर रही है । दिव्या ने रोती हुई नेहा को संभाला और उसके मुंह में दूध की बोतल लगाई तब जाकर सुमन ख्वाबों की दुनिया में से वापस धरती पर आई । 

दिव्या के चेहरे पर एक अर्थ भरी मुस्कान थी । उसने सुमन की आंखों में देखकर कहा "किस के खयालों में खोई हो दीदी" ? 
चोरी पकड़े जाने पर जो हालत एक चोर की होती है वही हालत सुमन की हो गई थी । उसने टालने के लिए कह दिया "आपके खयालों में" 
"मैं तो आपके भैया के खयालों में रहती हूं पर आपके खयालों में कौन शहजादा रहता है आजकल ? वो कौन है  जिसने मेरी ननद बाई पर इतना अधिकार जमा लिया है कि ननद बाई को यह भी होश नहीं रहता है कि बोतल बच्ची के मुंह से कब निकल गई ? बच्ची लगातार रोए जा रही है फिर भी ननद बाई कुछ सुन ही नहीं रही हैं । जब शहजादे की आवाज कानों में रस घोल रही हो तो फिर और किसी की आवाज कहां सुनाई देती है ? क्यों दीदी, सही है ना" ?  दिव्या भी कम नहीं थी । उसने भी तय कर लिया था कि वह उसे छोड़ेगी नहीं आज । 
"कौन शहजादा ? किसकी बात कर रही हैं आप" ? सुमन अभी लोहा लेने के मूड में थी । 
"वह शहजादा जो आपको छेड़ रहा था और आप "हट बदमाश" कहकर बरज रही थी उसे" । दिव्या ने उसकी कमर में चिकोटी काटकर कहा 
"सच में ? मैंने ऐसा कहा" ? अब सुमन शरमा गई थी 
"तो क्या मैं अपने मन से कह रही हूं ये बात" ? 

सुमन अब जान चुकी थी कि उसकी चोरी पकड़ी जा चुकी है इसलिए अब और बहाने बनाने से काम चलने वाला नहीं है । उसने अपनी नजरें नीची कर ली और एक प्रकार से स्वीकार कर लिया कि उसकी जिंदगी में कोई शहजादा आ चुका है । सुमन की स्थिति भांपकर दिव्या बोली "हमें नहीं बताओगी उसका नाम ? हमें भी तो पता चले कि हमारी 'मीना कुमारी' को कौन सा 'राजकुमार' ले उड़ा है" ? दिव्या के गाल मुस्कुरा रहे थे और सुमन के गाल लाज से लाल हो रहे थे । 
"ओह भाभी , आप कितनी इन्टेलीजेण्ट हो । आपको कैसे पता चल गया कि मेरा भी कोई शहजादा है" ? सुमन दिव्या के गले में बांहें डालकर बोली 
"हर लड़की के ख्वाबों में कोई न कोई शहजादा बसता है । मैं भी उस दौर से गुजर चुकी हूं" 
"अच्छा  ! आपका भी किसी से चक्कर चला था क्या" ? सुमन चहक कर बोली 
"हां , चला था चक्कर । पूरे एक साल दो महीने चार दिन चला था" । दोनों की चुहलबाजी एक दूसरे की पोल खोल रही थी 
"अरे वाह । फिर क्या हुआ" ? 
"फिर ? फिर शादी हो गई और क्या" ? 
"किससे" ? 
"तुम्हारे भैया से , और किससे" ? 
"सॉरी भाभी । मैं तो अति उत्साह में भूल ही गई थी" । सुमन झेंपते हुए बोली 
"कोई नहीं । होता है ऐसा भी । चलो, अब तो शहजादे का नाम बता दो ? बहुत पहेलियां बुझा लीं अब तक" ? 

सुमन खामोश हो गई पर दिव्या उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गई थी इसलिए कब तक बचती वह ? सुमन कहने लगी "अपने मुंह से कैसे नाम लूं" ? 
"हां, बात तो सही है । मुंह से नाम मत लो पर कागज पर लिख कर तो बता सकती हो" ? 

दिव्या एक कॉपी और पैन ले आई और उन्हें सुमन को पकड़ा दिया । सुमन उस पर लिखने लगी । 
"राजेश ! यही नाम है शहजादा का" ? दिव्या कन्फर्म करना चाहती थी 
सुमन कुछ बोली नहीं और गर्दन हिलाकर अपने कमरे में भाग गई । दिव्या भी उसके पीछे पीछे आ गई "तुम्हारे भैया से कहकर बात चला लेते हैं" दिव्या ने बात आगे बढाते हुए कहा 
"ओह भाभी, आप कितनी अच्छी हैं" ? कहकर सुमन दिव्या से लिपट गई । 

दोपहर में जब सुमन राजेश से मिली तो उसने भाभी वाली सारी बातें बता दीं । राजेश तो कब से इंतजार कर रहा था कि बात आगे बढ़े मगर सुमन ही पीछे हट रही थी अब तक । सुमन ने राजेश से कहा 
"सुनो ! एक बात कहना चाहते हैं हम" 
"जी कहिए , हम भी सुनने को तैयार हैं" 
"हमारा एक भतीजा शिवम और एक भांजी नेहा है । दहेज में आपको ये दोनों लेने होंगे । बोलो , क्या ये मंजूर है" ? सुमन अचानक गंभीर हो गई थी । 

यह सुनकर राजेश चुप हो गया और कुछ सोचने लगा । राजेश को चुप देखकर सुमन को एक धक्का सा लगा । वह धीरे स्वर में बोली "मुझे पता था कि तुम उन्हें स्वीकार नहीं करोगे इसलिए मैं आगे बढ़ने से डर रही थी" सुमन की आंखों में आंसू थे 

राजेश ने उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसके आंसू पोंछते हुए बोला "हमने आपसे प्यार किया है मैडम । आपसे जुड़ी हुई हर चीज हमारी है । कहो तो स्टांप पेपर पर लिखकर दे दूं" ? राजेश का चेहरा चांद की तरह चमक उठा था । सच्चे प्रेमी ऐसे ही होते हैं राजेश ने इसे सिद्ध करके दिखा दिया । 
सुमन भाव विह्वल होकर राजेश से लिपट गई । 

क्रमश : 
श्री हरि 
21.5.23 

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2 Comments

Varsha_Upadhyay

24-May-2023 07:10 AM

👏👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

24-May-2023 07:16 AM

🙏🙏

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